*नारी* ब्लॉग की सूत्रधार "रचनाजी एवं आपके सभी सहयोगी सदस्यों" को "हिंदी नव संवत्सर" की पूर्व संध्या पर *नारी* के एक वर्ष पूरा होने की "हार्दिक बधाई व असंख्य शुभकामनाएँ". श्रंखलाएं हों पगों में ,गीत गति में है सृजन का,है कहाँ फुर्सत पलक को ,नीर बरसाते नयन का,उठो आगे बढो ,ये समय है कुछ कर दिखाने का. स्मरण रहे ,जब सागर में आये झोंके ,किसमें ताकत आये रोके,शोषित सूखी सरिताओं के ,आहों का अरमान उठा है,लहरों में तूफ़ान उठा है............सबको नमन.*अलका मधुसूदन पटेल*
March 26, 2009 5:23 PM
Thursday, March 26, 2009
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